सभी अपनी-अपनी प्रशंसा कर रहे थे।
स्वाद अधिवेशन में वाद-विवाद प्रतियोगिता चल रही थी। सभी अपनी-अपनी Continue Reading
आवाम की आवाज
स्वाद अधिवेशन में वाद-विवाद प्रतियोगिता चल रही थी। सभी अपनी-अपनी Continue Reading
न जाने जमाने को क्या हो रहा है। हरिक आदमी Continue Reading
गुज़रती रहीं इक नज़र दूर तक है नज़र में नज़र Continue Reading
भूख बड़ी ही गजब चीज हैं,कुछ भी करवा जाती हैं। Continue Reading
भारत में दिन कितने अच्छे हैं। रोटी को तरसते यहाँ Continue Reading
मन में उठती है एक चाहत मन के तरंगों को Continue Reading
” बच्चे के सिर से बहुत खून बह गया है,आप Continue Reading
प्रीत हमसे तो लगाकर देखिये रूह में हमको समाकर देखिये Continue Reading
मोती ज्ञान के लुटाकर देखिये। किसी को गले लगाकर देखिये।। Continue Reading
भास्कर मेला, धूप छाँव का खेला,अक्षरी साँझ रवि निःसृत, पलछिन Continue Reading