
जिंदगी ऐक पल की फिक्र न करो कल की
जीलो इसको हँस कर इस कदर के काप उठे रुह मौत की
एक दिन हम भी मिट्टी मे मील जाएंगे राख बन कर हवा
मे उड़ जाऐंगे पीछे सिर्फ रह जाएंगी यादे प्यारी एक नये सफ़र
पर निकल जाएंगे हम नेकियों को साथ लिए पीछे कुछ ऐसा कर
जाएंगे जन्मो जन्मो तक लोगों के दिलो पर राज करते जाएंगे इस
भीड़ से दूर हो कर भी फ़िक्र करते रहेंगे दूर होकर भी सबके लिए दुआ
करते रहेंगे तुम रुठोगे तोह टूटते तारे ही सही तुम्हारी खुवायशे को पूरा करते रहेंगे
हम यह साथ दूर हो कर भी कभी नहीं छूट पायगा आखिर दिल से दिल का
रिश्ता कभी नहीं टूट पायगा जिंदगी है ऐक पल की फिक्र न करो कल की
जीलो इसको हँस कर इस कदर के काप उठे रुह मौत की
——————-देवश अगरवाल—————-